Aak Ke Patte/आक के पत्ते
A**N
ऐसी कहानी जो आज भी प्रासंगिक हैं।
एक कहानीकार के तौर पे अमृता जी सबसे अलग हैं। अमृता की रचनाएं अलग अलग सामाजिक विषयों और अवधारणाओं पर आधारित होती हैं। आक के पत्ते भी एक ऐसे ही विषय पर आधारित हैं परन्तु इसमे अलग हैं कहानी के मुख्य किरदार का।उसकी विवशता उसकी पीड़ा को जिस प्रकार अमृता ने लिखा हैं वो सचमुच में अद्भुत है। एक और बात अमृता को पढ़ना और समझ पाना मुश्किल हैं एक अलग ही तरह की मानसिक अवचेतना जरूरी हैं अन्यथा आप को ये बहुत बोझिल और उबाऊ सा लगेगा पर अगर आप एक बार डूब गए तो ....
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